यूं ही बढ़ते-बढ़ते, सफर एक रोज, हो जायेगा पूरा है ऐतबार। यूं ही बढ़ते-बढ़ते, सफर एक रोज, हो जायेगा पूरा है ऐतबार।
थोड़ा थोड़ा करके खुद को संभाल रही उजड़ी हुई ज़िन्दगी को फिर से संवार रही। थोड़ा थोड़ा करके खुद को संभाल रही उजड़ी हुई ज़िन्दगी को फिर से संवार रही।
मत हो उदास लोगों के बारे में सोचकर, कोई जिंदगी भर साथ नहीं होता। मत हो उदास लोगों के बारे में सोचकर, कोई जिंदगी भर साथ नहीं होता।
मैं अपने ही प्रश्नों से खुद हीं अनुत्तरित हो जाता हूं मैं अपने ही प्रश्नों से खुद हीं अनुत्तरित हो जाता हूं
मणि मुक्ता मंत्र व्यर्थ उर गहरे गड़ी मेख। मणि मुक्ता मंत्र व्यर्थ उर गहरे गड़ी मेख।
बच्चे खेलते पार कर ले, जवान दौड़ते पार कर ले, बेसहारा सहारा लेकर पार कर ले.. बच्चे खेलते पार कर ले, जवान दौड़ते पार कर ले, बेसहारा सहारा लेकर पार कर ले..